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डूब गया सब ,वक्त की गहराई में , अब डूबा है कोई दर्

डूब गया सब ,वक्त की गहराई में ,
अब डूबा है कोई दर्द की तन्हाई में,
उजड़ी है बस्ती ,उजड़ गया है घर देखो।
कोई नही दिखता अब ,ख्वाबो की परछाई में,
तुम्हे फुरसत हुई तो देख लेना तुम आकर,
कोई छुप छुप के रोता है वक्त की रुसवाई में।।

©poonam atrey
  #डूब_गया_सब hardik Mahajan narendra bhakuni Sethi Ji Puja Udeshi Mili Saha  वंदना .... सचिन सारस्वत Navash2411 अभिलाष द्विवेदी (अकेला ) एक अनपढ़ शायर PRIYANK SHRIVASTAVA 'अरमान'  kumar samir भारत सोनी _इलेक्ट्रिशियन Anil Ray Badal Singh Kalamgar पथिक..  Saloni Khanna SAUD ALAM R K Mishra " सूर्य " Apoorva Kaushik  अदनासा- Praveen Jain "पल्लव" Bhavana kmishra Ashutosh Mishra Sita Prasad  Suresh Gulia डॉ मनोज सिंह,बोकारो स्टील सिटी,झारखंड। (कवि,संपादक,अंकशास्त्री,हस्तरेखा विशेषज्ञ 7004349313) Deep