थोड़ी बोझिल ,भीगी इस अंधियारी रात में , जगती हुई सुर्ख लाल सी तुम्हारी आंखे , शायद कुछ सपनों को संजो कर बैठी हैं । इस अपरिमित आसमान से बड़े है तुम्हारे सपने , पर मुझे डर तुम्हारे सपनों से नहीं लगता , मैं डरता हूँ तुम्हारे आंखों में छिपे इस जुनून से । कही ये मुश्किल न करदे ज़िन्दगी के आसान लम्हों को भी , और वक़्त की हर चोट से धूमिल होता जाए , तुम्हारे मन का ये अलौकिक विश्वास । तुम बिखर न जाओ सपनों के इस आसमान से गिरके , पर कुछ भी हो जाये न छोड़ना ज़िन्दगी का दामन , और याद रखना कोई भी सपना तुमसे बड़ा नहीं है । #Sapna#fightfordreams#faith#meaningoflife