अपने अंदर छुपे अंधेरे को पार कर, तुझे ढूंढना नहीं मुझे, सिर्फ पहचानना है। मैं वो रास्ता हूँ जिसपर तू चलेगा, मैं ही वो मंज़िल हूँ जहाँ तुझे आना है। मैं तेरा हर अंधेरा हूँ जहाँ तू घिरा है, मैं ही वो वो सवेरा हूँ जिसका तुझपर पहरा है। तेरे होठों की हंसी और आँखों की नमी भी मैं हूँ, तेरा हर हिस्सा भी मैं, तेरी कमी भी मैं हूँ। मैं हूँ तेरा हर सपना, हकीकत भी मैं हूँ, तेरी ज़लालत भी मैं, तेरी अकीदत भी मैं हूँ। तेरे हर डर में मैं हूँ, तेरे हर भरोसे में मैं हूँ, मैं हूँ तेरे प्यार में, तेरे हर टूटे रिश्ते में मैं हूँ। मैं तेरे सबकुछ में हूँ और किसी में नहीं, मैं पूरी तरह तेरा हूँ, आधा अधूरा सा नहीं। ©Ananta Dasgupta #Pinterest #shivaay #omnamahshivaya #mahadev #anantadasgupta