White यादें हैं और यादों का ही सिलसिला है, बिछड़ने वाला फिर से कहाँ मिला है। रहती है जो वो सिर्फ महक ही तो है, मुरझाया जो फूल फिर कब खिला है। ©एस पी "हुड्डन" #यादें_है