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कितनी अजीब होती हैं ये धड़कने धड़कती मेरे दिल में

कितनी अजीब होती हैं ये धड़कने
धड़कती मेरे दिल में हैं.....
पर धड़कती तुम्हारे लिए है।
सांसे खुदगर्ज होती हैं,
ये सांसे, लेता में हूं
याद कोई और करता है।
तुम बस याद आने का
बहाना बन जाओ
मैं हिचकियां बड़े चाव
से लेता हूं।
दिल की गहराई को
 कौन माप सका है आजतक
में तो बस याद में ही 
डूब जाने में माहिर हूं।

©Z. Khan
  #दीवाना