मेरे न बुलाने के बावजूद भी तुम्हारा उस रोज ठीक उसी जगह चले आना, जहां मैं इस कोलाहल भरे दुनिया से दूर तुम्हें याद कर रहा था, सोच रहा था कि आज तीसरा दिन है जब तुम्हारा ख़त नहीं आया और फिर तुम्हारा अपने साथ किसी ख़त की जगह एक कोरा पन्ना लेकर आना और उसके एक कोने पर मेरे सामने ही बस 'सप्रेम' लिख कर वो सब कुछ लिख देना जो एक पूरी किताब भर देने के बाद भी नहीं लिखा जा सकता, ये एहसास दिला गया कि यही बस यही सही मायने में हमारे प्यार की सच्ची निशानी है बाद बाकी ये फूल, उपहार, कसमे-वादे और चाँद-तारों की बातें सब मिथ्या है बस मिथ्या । कभी कभी एक कोरे पन्ने में इतना प्यार छुपा होता कि उसके सामने चाँद तारों सा उपहार भी फीका पड़ जाए . Prashant Singh याद करने के लिए बहुत शुक्रिया भाई 😍🙏 . #hindi #hindipoetry #yqdidi #love #प्रेम #चाँद #खत #1909avinash