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मैं रहूँ या न रहूँ, मेरा पता रह जाएगा शाख़ पर यदि

मैं रहूँ या न रहूँ, मेरा पता रह जाएगा
शाख़ पर यदि एक भी पत्ता हरा रह जाएगा

बो  रहा  हूँ बीज कुछ सम्वेदनाओं के यहाँ
ख़ुश्बुओं का इक अनोखा सिलसिला रह जाएगा

मैं भी दरिया हूँ मगर सागर मेरी मन्ज़िल नहीं
मैं भी सागर हो गया तो मेरा क्या रह जाएगा !!
mere alfaaz 💝💝💝💝 मैं रहूँ या न रहूँ, मेरा पता रह जाएगा
मैं रहूँ या न रहूँ, मेरा पता रह जाएगा
शाख़ पर यदि एक भी पत्ता हरा रह जाएगा

बो  रहा  हूँ बीज कुछ सम्वेदनाओं के यहाँ
ख़ुश्बुओं का इक अनोखा सिलसिला रह जाएगा

मैं भी दरिया हूँ मगर सागर मेरी मन्ज़िल नहीं
मैं भी सागर हो गया तो मेरा क्या रह जाएगा !!
mere alfaaz 💝💝💝💝 मैं रहूँ या न रहूँ, मेरा पता रह जाएगा

मैं रहूँ या न रहूँ, मेरा पता रह जाएगा #शायरी