इश्क़ करने की बात करती हो घर से इजाजत ली हो क्या कभी घरवालों के खिलाफ गई हो यह इश्क़ नही आसान इसका अंजाम बड़ा बुड़ा होता हैं क्या कभी किसी से बिछरने की दर्द सही हो इश्क़ करने की बात करती हो क्या कभी बेवजह आंशु बहाई हो मां-बाप की लाडली तुम क्या कभी उनसे दूर रह पाई हो इश्क़ करने की बात करती हो क्या कभी अपने घरवालों को" जाति-मजहब" सब एक समान हैं बताई हो इश्क़ करना सही हैं भी या नही क्या कभी अपने घरवालों को समझाई हो इश्क़ करने की बात करती हो घर से इजाजत ली हो क्या कभी घरवालों के खिलाफ गई हो कह तो देती हो इश्क़ करने की बात पर क्या कभी किसी से दिल लगाई हो गर हो कोई पहली चाहत तो क्या उसे भूल पाई हो इश्क़ करने की बात करती हो घर से इजाजत ली हो क्या कभी अपने घरवालों के खिलाफ गई यह इश्क़ नही आसान ©Arun kr. #YeIshq