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"न तुझको मिले वो मुकम्मल किनारे,  तेरी ही तरह इसन

"न तुझको मिले वो मुकम्मल किनारे, 

तेरी ही तरह इसने बरसों गुजारे, 

हैं बेताबियाँ, और हैं गहराइयाँ भी, 

खयालों का सैलाब इस दिल के अंदर, 

न तू बस समंदर, ये दिल भी समंदर।"

©Rakesh Lalit समंदर
"न तुझको मिले वो मुकम्मल किनारे, 

तेरी ही तरह इसने बरसों गुजारे, 

हैं बेताबियाँ, और हैं गहराइयाँ भी, 

खयालों का सैलाब इस दिल के अंदर, 

न तू बस समंदर, ये दिल भी समंदर।"

©Rakesh Lalit समंदर
rakeshlalit4366

Rakesh Lalit

New Creator

समंदर #Shayari