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सारा दिन गुजर जाता है खुद को समेटने मे, फिर रात को

सारा दिन गुजर जाता है
खुद को समेटने मे,
फिर रात को उसकी याद की
हवा चलती है,
ओर हम फिर बिखर जाते है.

©Satvshila Sayali Mane
  #tumhari yade #shayri