बस यही दर्द है कि तू सफेद है। मेरे हाँथो में रंगीन पेंसिलें होते हुए।। इज़ाज़त है जबकि मैं तुम्हें छू सकता हूँ। मोहब्बत है कि तुम ऐसे ही मुझे पसंद हो। कसमकस है ,ख्वाब है,तुम हो। जिंदगी नहीं है।। जिंदगी तो आरी तिरछी ऊपर नीची चलती लकीरों सी ही होती है, जिनमे रंग होते है ढ़ेर सारे। इन पेंसिल की तरह। इनकी नोक थोड़ा चुभती है,पर दर्द अच्छा लगता है। जैसे तुम अच्छी लग रही हो।। ©nirbhay chauhan #Nojoto #Love #तुम #Poetry #Writer #PoeticAntakshri #Neer #maniktrehan #colours