धूप से क्या निकल घटाओं से सामना हुआ है, किताबें क्या हटी ज़िंदगी एक बहाना हुआ है। सितारों को चमकने दो फलक पे आस्माँ जैसा, हस्ते रोते सावन देखो कितना सुहाना हुआ है। पत्थरों की ज़ुबाँ से सुना दो क़दम पे है तेरी गली, अपने घर मै आराम से बैठे हुए ज़माना हुआ है। दूरीयों मै दर्द जला कर आते हैं रोशनी के लिए, उम्मीद के हाथ बढा़ कर दिल जलाना हुआ है। ©Rashmi Ranjan Rath #हुआ_है #नज़्म #kritty_shetty_pic #nojotonazm #nojotohindi #nojatolove