ये धुन भी अजीब चीज़ है बोलती है नहीं, गुनगुनाती है कहती है बस झूमते रहिए। एक कली खिली है अभी बस निहारते रहिए। कोई मसखरी करे है अब भला कहिऐ जो बुरा कहिए। जो बांके लाल रोज़ काफिये सा बदले, रदीफ से कहिए ठाढ़े रहिए।