ये इश्क ना किसी को कैसे हो जाता है नजरो का नजरो से मुलाकात करा बैठता है ये इश्क ना जीने देता है किसी को ना मरने देता है किसी को किसी के लिए तड़पाता है किसी का इंतज़ार बढ़ाता है आँखों से जब बह चलते है अश्क जो कोई कमबख्त इसे बरसात समझ बैठता है ये इश्क ना चीज भी है अजीब ना ऐतबार करने देता है खुद पर ना इन्कार होने देता है ये इश्क ना अपने ही ताने -बाने बुनता है अपने ही सपने दिखाता है ये इश्क ना जब किसी को किसी से हो जाता है कोई गीत लिखने बैठ जाता है किसी को शायर बना जाता है ये इश्क ना बड़ी लाईलाज बीमारी है जब किसी को होता है साँस ले कर ही साँस लेता है -अभिषेक राजहंस ये इश्क ना...