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कभी कभी इस जहां की भीड़ में हम खुदको अकेला पाते ह

कभी कभी इस जहां की भीड़ में 
हम खुदको अकेला पाते है ।
बहुत कुछ होता है कहने के लिए
पर हम कह  नहीं पाते।

कभी कभी हालत हमारे हिसाब से नहीं होते।
तो कभी कभी रिश्ते  हमको चुप बैठने के लिए  मजबूर करते।

समझ नहीं आता कुछ कहे 
या फिर हम चुप रहे ।
ना जाने क्यों तब हम चुप बैठना पसंद करते है।

 कहीं टूट न जाए रिश्ते हमारी वजह से
इस बात से डरने लगते है।
कितना कुछ होता है कहने के लिए
पर फिर भी खामोश बनते है।

©pallavi haribhau gahal #डार्क #lonely #akrke #रिश्ते
#Dark
कभी कभी इस जहां की भीड़ में 
हम खुदको अकेला पाते है ।
बहुत कुछ होता है कहने के लिए
पर हम कह  नहीं पाते।

कभी कभी हालत हमारे हिसाब से नहीं होते।
तो कभी कभी रिश्ते  हमको चुप बैठने के लिए  मजबूर करते।

समझ नहीं आता कुछ कहे 
या फिर हम चुप रहे ।
ना जाने क्यों तब हम चुप बैठना पसंद करते है।

 कहीं टूट न जाए रिश्ते हमारी वजह से
इस बात से डरने लगते है।
कितना कुछ होता है कहने के लिए
पर फिर भी खामोश बनते है।

©pallavi haribhau gahal #डार्क #lonely #akrke #रिश्ते
#Dark