#FriendshipDay
कविता : दोस्तो से ज़िंदगी है
दोस्ती में जाँ जो मांगे, छोड़कर न साथ भागे।
नीति के बांधे जो धागे, रूढ़ियों को तोड़ त्यागे।
दोस्त बेशक़ कम ही चुनना, आये जिनको तुमको गुनना।
दोस्त हैं तो शान्त है मन, वरना मन मे खलबली है।
दोस्तों से ज़िंदगी है दोस्ती ज़िंदादिली है। #Hindi#हिंदी#hindi_poetry#hindopoetry#hindisahityasagar