Nojoto: Largest Storytelling Platform

क्षितिज के ललाट पर भूल चुभते विश्वासघात को, छोड़

क्षितिज के ललाट पर

भूल चुभते विश्वासघात को,
छोड़ उस करारी मात को,
हवाओं में धूल आयेगी, 
चटा धूल, धूल को... 
आसमां से बात कर.. 
लिख नई कहानी क्षितिज के ललाट पर। 

भूल खोयी अंधेरी रात को,
छोड़ खोयी बिखरी बात को,
राहों में शूल आयेगी, 
दूर हटा शूल को.. 
आसमां से बात कर.. 
लिख नई कहानी क्षितिज के ललाट पर। 

भूल अपनों के आघात को,
छोड़ दुश्मनों की बिसात को,
रिश्तों में झूल आयेगी, 
सजा हर झूल को..
आसमां से बात कर.. 
लिख नई कहानी क्षितिज के ललाट पर। 

डॉ आनंद दाधीच 'दधीचि'

©Anand Dadhich #क्षितिज_के_ललाट_पर #kaviananddadhich #poetananddadhich #hindipoetry #poetsofindia 

#udaan
क्षितिज के ललाट पर

भूल चुभते विश्वासघात को,
छोड़ उस करारी मात को,
हवाओं में धूल आयेगी, 
चटा धूल, धूल को... 
आसमां से बात कर.. 
लिख नई कहानी क्षितिज के ललाट पर। 

भूल खोयी अंधेरी रात को,
छोड़ खोयी बिखरी बात को,
राहों में शूल आयेगी, 
दूर हटा शूल को.. 
आसमां से बात कर.. 
लिख नई कहानी क्षितिज के ललाट पर। 

भूल अपनों के आघात को,
छोड़ दुश्मनों की बिसात को,
रिश्तों में झूल आयेगी, 
सजा हर झूल को..
आसमां से बात कर.. 
लिख नई कहानी क्षितिज के ललाट पर। 

डॉ आनंद दाधीच 'दधीचि'

©Anand Dadhich #क्षितिज_के_ललाट_पर #kaviananddadhich #poetananddadhich #hindipoetry #poetsofindia 

#udaan