एक यार मिला एक दोस्त मिली आगे चला तो कुछ होर मिली.. दुनिया में लड़की तो मिली बहुत पर मां जैसी एक ना मिली... यार मां मेरी सावली थी पर प्यारी कितनी लगती थी.. चमक ऐसी थी आंखो मे वो सबसे न्यारी लगती थी.. खुदा ने जाने किस सांचे में ढाला था उसको जान बूझकर बेवकूफ बनी रहती पर सब बातो का पता था उसको.. वो इतना मीठा बोलती थी इतना तो कोयल भी नही बोलती.. बोलने से पहले ही वो हर बात को तोलती.. एक एक शब्द को ऐसे पिरोती जैसे सब आता हो उसे.. पर अनपढ़ थी वो जैसे सब बातो का पता हो उसे.. मां तू कितनी अच्छी लगती है.. मां तू कितना याद आती है.. ©vinni.शायर मां तू कितनी अच्छी लगती है.. #cycle