Nojoto: Largest Storytelling Platform

वह था बचपन का प्यार, या सबाब ? पर नाजाने क्यों




वह था बचपन का प्यार, या सबाब ?
पर नाजाने क्यों मैं थी इश्क़ से अनजान।
जब वो ज़ुल्फ़ों को संवारता था, में जाती थी शरमा।
पर सब कहते थे यह है रंग गुलाबी।
फिर जब वह होता था करीब तो न जाने क्यों धड़कने जाती थी बड़।
और सब कहते थे कि है यह रंग लाल।
जैसे जैसे वह एहसास बढ़ा, सबका सवाल यूँ उठा।
क्या बात आजकल सुनहरी है छवि तेरी?
फिर भी न समझ पायी कि क्या है यह रंगों का सवाल।
जब उसका खत है प्रिन्सिपल ने लिया पकड़,
तो सब कहने लगे, मैं हूँ ओढे शर्म का रंग नीला।
अब जब सब प्रश्न करने लगे तो मैं हो गयी उसके बचाओ में खड़े।
और लोग कहने लगे काला है दिल मेरा।
बस वही पल था कि मुझे एहसास हुआ कि इश्क़ का रंग है लाल, ओर यह है सिर्फ परवाने जानते।
यूँ कुछ बात आगे बड़ी, कि चड़ गया रंग पीला।
ओर हो गया गठबंदन हमारा।
फिर हुआ एहसास कि इश्क़ के लाखों रंग है ओढे हमने।


 #nojotohindi #इश्क़ के लाखों रंग



वह था बचपन का प्यार, या सबाब ?
पर नाजाने क्यों मैं थी इश्क़ से अनजान।
जब वो ज़ुल्फ़ों को संवारता था, में जाती थी शरमा।
पर सब कहते थे यह है रंग गुलाबी।
फिर जब वह होता था करीब तो न जाने क्यों धड़कने जाती थी बड़।
और सब कहते थे कि है यह रंग लाल।
जैसे जैसे वह एहसास बढ़ा, सबका सवाल यूँ उठा।
क्या बात आजकल सुनहरी है छवि तेरी?
फिर भी न समझ पायी कि क्या है यह रंगों का सवाल।
जब उसका खत है प्रिन्सिपल ने लिया पकड़,
तो सब कहने लगे, मैं हूँ ओढे शर्म का रंग नीला।
अब जब सब प्रश्न करने लगे तो मैं हो गयी उसके बचाओ में खड़े।
और लोग कहने लगे काला है दिल मेरा।
बस वही पल था कि मुझे एहसास हुआ कि इश्क़ का रंग है लाल, ओर यह है सिर्फ परवाने जानते।
यूँ कुछ बात आगे बड़ी, कि चड़ गया रंग पीला।
ओर हो गया गठबंदन हमारा।
फिर हुआ एहसास कि इश्क़ के लाखों रंग है ओढे हमने।


 #nojotohindi #इश्क़ के लाखों रंग
narayana3920

narayana

New Creator