प्रेम पत्र चाँद जैसे चाँदनी के सँग सँग रहे लहरे जैसे नदियों के सँग सँग बहे वसूधा जैसे नभ कि मुस्कुरा तपन सहे चकवा जैसे चकोर के कानो में कुछ कहे तुम भी प्रिय बन प्रकृति प्राणों में मेरे बस जाना बन पथिक प्रेम पथ का पग पग साथ निभाना । ©rohit sarswati #LetterToYourLove