चाँद हो तुम चाँद हो तुम कहना चाहतें थे तुम्हें पर उसमें तो अमावस्या आती है हम नहीं खोना चाहतें थे तुम्हें हाँ तुम रोशन हो बिलकुल उस चाँँद की तरह मगर बस देखना नहीं पाना चाहतें थे तुम्हें ह़वस ना समझना तुम कहीं मेरी बातों को तकदीर में बस अपनी बुलाना चाहतें थे तुम्हें। #चाँदहोतुम #ctl