अनुशीर्षक पढ़ें ... बाहर के अंदर मैं था मेरे अंदर नजारा बाहर का ..... सफर में देखता रहा खिड़कियों से बाहर मैं अंधेरा होने तक जब अंधेरा हुआ बाहर तो मैं अपने अंदर देखने लगा