अँधेरे मे जिससे जा के टकराया था मै ऐ जिन्दगी तू ही थी क्या? मुझे जो बंद आँखों से नजर आया था औऱ वो जिसने आईने मे मुझे चौंकाया ऐ जिन्दगी तू ही थी क्या? ये दिल तो भाग जाना चाहता था दूर दुनिया से वो जिसने दिल को इस दुनिया मे उलझाया ए जिन्दगी तू ही थी क्या? सवाल जिन्दगी से?