मुझे क्या लूटेगी जालिम दुनिया, में तो खुद को लुटा बैठा हूं। मुझे कोई फांसी की सजा दो, मैंने अपने दिल का गला घोंटा है। बहुत अनसुनी कर चुका हूं दिल की, जिदंगी से बेवफाई महगी पड़ गई मुझे। कितने अरमान थे दिल में, अंदर से बंजर सा हो गया हूं मै। #कोई मंजिल नी #सायरी #मिडनाइट राइटर