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शीर्षक - एक मुद्दत से बैठा हूं लेकिन उस पर कोई कवि

शीर्षक - एक मुद्दत से बैठा हूं लेकिन उस पर कोई कविता बनती नहीं

एक मुद्दत से बैठा हूं लेकिन उस पर कोई कविता बनती नहीं
ना जाने कैसी लड़की है जो मेरे कलम के सांचे में ढलती नहीं
चांद को देखा तो सोचा उसकी तुलना इससे कर दूं 
लेकिन याद आया कि उसकी सुंदरता चांद की तरह घटती बढ़ती नहीं
एक मुद्दत से.....

बहुत आभा है उसमें लेकिन वह आग की तरह कभी जलती नहीं
तपन में शीतल मंद बयार है लेकिन मेरे दरख़्तों से कभी गुजरती नहीं
दुनिया में रहकर उसे दुनिया की दुनियादारी खूब समझ आती है
समझती है सब ,बस दुनिया के हिसाब से चलती नहीं
एक मुद्दत से .......

इस रंगीन दुनिया में रहकर भी वह अपना रंग बदलती नहीं
उसकी आंखें बड़ी चंचल है लेकिन हर किसी के आगे बरसती नहीं
जब भी मिलती है हंसकर गले लग जाती है
हां यह वही लड़की है जो हर किसी के गले लगती नहीं
एक मुद्दत से .....

गुलाब की पंखुड़ियों सी हूनर रखती है लेकिन पंखुड़ियों सी टूट कर बिखरती नहीं
वह महफिल की रंगत बढ़ा देती है जो हंसा कर सभी को खुद हसती नहीं
बड़ी अलौकिक नायिका है दिव्या जो रफ्ता रफ्ता दिलों में उतर जाती है
हाथ कलम लिया सोचा कविता लिखूं पर मेरे कविता में जाने क्यों वह उतरती नहीं
एक मुद्दत से......

©Barkha B.H.U #हरफनमौला लड़की 
#बनारसी_इश्क़ 
#बनारस 

#Sunrise
शीर्षक - एक मुद्दत से बैठा हूं लेकिन उस पर कोई कविता बनती नहीं

एक मुद्दत से बैठा हूं लेकिन उस पर कोई कविता बनती नहीं
ना जाने कैसी लड़की है जो मेरे कलम के सांचे में ढलती नहीं
चांद को देखा तो सोचा उसकी तुलना इससे कर दूं 
लेकिन याद आया कि उसकी सुंदरता चांद की तरह घटती बढ़ती नहीं
एक मुद्दत से.....

बहुत आभा है उसमें लेकिन वह आग की तरह कभी जलती नहीं
तपन में शीतल मंद बयार है लेकिन मेरे दरख़्तों से कभी गुजरती नहीं
दुनिया में रहकर उसे दुनिया की दुनियादारी खूब समझ आती है
समझती है सब ,बस दुनिया के हिसाब से चलती नहीं
एक मुद्दत से .......

इस रंगीन दुनिया में रहकर भी वह अपना रंग बदलती नहीं
उसकी आंखें बड़ी चंचल है लेकिन हर किसी के आगे बरसती नहीं
जब भी मिलती है हंसकर गले लग जाती है
हां यह वही लड़की है जो हर किसी के गले लगती नहीं
एक मुद्दत से .....

गुलाब की पंखुड़ियों सी हूनर रखती है लेकिन पंखुड़ियों सी टूट कर बिखरती नहीं
वह महफिल की रंगत बढ़ा देती है जो हंसा कर सभी को खुद हसती नहीं
बड़ी अलौकिक नायिका है दिव्या जो रफ्ता रफ्ता दिलों में उतर जाती है
हाथ कलम लिया सोचा कविता लिखूं पर मेरे कविता में जाने क्यों वह उतरती नहीं
एक मुद्दत से......

©Barkha B.H.U #हरफनमौला लड़की 
#बनारसी_इश्क़ 
#बनारस 

#Sunrise