" मुसाफिर हूँ मैं, शायद कहीँ मुझे पनाह मिल जाय, या पथ में मुझे कोई अपना मिल जाय, अपनो मे कोई दोस्त या दोस्त मे किसीकी बन्दगी मिल जाय, या किसीकी बन्दगी मे मुझे मेरी ज़िंदगी मील जाय । "