हे सखा....... मैं तेरी कोन हु........? एक भूली हुई सखी,या अपनाई गई प्रेयसी समझने को तो तुझमें संपूर्ण हूं मैं पर कहने को कुछ भी नहीं मुझे ज्ञात है तुझमें छुपा रिक्त हु मैं फिर भी तेरे सब संबंधों से विरक्त हूं मैं कुरेदा है आज फिर मुझे मेरे ख्यालों ने हृदय में उठते अजीब सवालों ने तूझसे पूरी पर खुद में अधूरी तेरे प्रति मन में कभी आई न दूरी फिर क्यों हर नाम के लिए अजनबी हूं मैं सखा मैं तेरे लिए कोन हूं ........? ©seema patidar है सखा मैं तेरी कोन हुं ........