डाल पर छोटा बसेरा,है यही संसार। छल कपट लालच न कोई,प्यार ही बस प्यार। दाना चुग कर लाती माँ,पालती संतान। काम भर दाना उठाती, है नहीं इंसान। ….. सतीश मापतपुरी ©Satish Mapatpuri बसेरा