आवाहन-4 जोड़ना है हमको अब यदि टूटे भारत के खण्डों को। तो कमर कसो तैयार हो जाओ उठाओ अपने भुजदण्डों को? वीर प्राप्त हुए वीर गति को क्या रह गए बाकी डरने को? जीवन न समर्पित हो जो देश को क्या जन्म लिया बस मरने को? कर दो नष्ट अविलम्ब शत्रु को और उसके हथकंडों को। फैंको उखाड़ अब छिपे हुए सब गद्दार रूपी सरकंडों को।। जन्में हैं यहाँ हम पले यहाँ पर भारत माँ का ऋण है हम पर। होंगे न दूर कर्तव्य से चाहे कितने प्रहार खाएँ तन पर।। माँ भारती की देखो जो यह वैभवशाली शान है। उसके लिए यह जन्म तो क्या सौ जन्म मेरे कुर्बान हैं।। #भारत #bharat #india #indianarmy #indian #poetry #poem आवाहन-4 जोड़ना है हमको अब यदि टूटे भारत के खण्डों को। तो कमर कसो तैयार हो जाओ