लट्टू लट्टू कहता मुझे देखकर सब लट्टू हो जाते सभी प्यार से मुझे देखते जमकर मुझे नचाते जितनी जोर लगाता है जो उतनी देर नचाता जो ना मुझे न नचाना जाने वो हरदम पछताता मुझे देखकर लोग मचलते मैं न किसी पर मचलूँ एक धुरी पर नृत्य करूँ मैं कभी मार्ग न बदलूँ कहते ज्ञानी मेरे जैसे धरा नाचती रहती हर्षित होकर मुझको अपना छोटा भाई कहती कहता मेरा कभी दिलों पर एकछत्र था राज मोबाइल टीवी ने छीना आज है मेरा ताज कहता लगता चंद दिनों का बेखुद हूँ मेहमान कैसे पाऊँ मैं दुनिया में मैं खोई पहचान ©Sunil Kumar Maurya Bekhud #लट्टू