। । बङी थकान है ज़िंदगी तुम नई ऊर्जा बनकर आना आना तो इस कदर आना वापिस लौट कर फिर ना जाना दृङ संकल्प का निश्चय हो तो ही दरवाज़ा खट खटाना आना तो आत्मसमर्पण कर महफ़िल मत ले आना