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भाग-2 कैप्शन में अवश्य पढ़ें ©Sudha Tripathi #nan

भाग-2 कैप्शन में अवश्य पढ़ें

©Sudha Tripathi #nanhikaliनेत्रा ने कहा "मैम पिछले साल हम लोग घूमने गए थे, सारे फैमिलीमेंबर हमारा रिजर्वेशन पहले से था लेकिन लगभग 200 किलोमीटर ट्रेन चेंज करके बिना रिजर्वेशन के जाना था, रात हो चुकी थी, अंधेरा हो चुका था, भीड़ काफी थी, दिवाली का समय था, ट्रेन आने वाली थी.....भैया ने डिसाइड किया था हम सब दोनों गेट से ट्रेन में चढ़ने वाले हैं सब की जोड़ी बना दी गई थी मैं भैया के साथ थी ट्रेन में इतनी भीड़ थी....पैर रखने का भी जगह नहीं था बड़ी मुश्किल से हम लोग ट्रेन में चढ़े क्योंकि यह आखरी ट्रेन थी इसलिए जाना इसी ट्रेन से था और स्थिति यह थी कि ट्रेन में कहीं भी लाइट नहीं था, पूरा अंधेरा भैया ने मुझे साइड वाली सीट के बीच मे एक  ट्रॉली बैग रखकर उस पर बिठा दिया चारों तरफ से भीड़ थी" इतना कहते कहते नेत्रा की आंखों में आंसू आ गए एक लंबी सांस लेकर कहा मैम......आप यकीन नहीं करेंगी उसके बाद जो भी हुआ "
                   मैम ने कहा "क्या हुआ बेटा बताओ" नेत्रा ने फिर से कहना शुरू किया "हमारे आस पास कौन है हमें दिखाई नहीं दे रहा था कुछ लोग अंताक्षरी खेल रहे थे एक गाना आज भी जिसे सुन कर मेरा दिल दहल जाता है.....छू लेने दो नाजुक होठों को कुछ और नहीं जाम है ये कुदरत ने जो हमको बख्सा है सबसे हंसी इनाम है वो. ......... आज भी यह गाना मुझे बर्दाश्त नहीं होता इस गाने को सुनते ही वह दृश्य याद आ जाता है...कई लड़के मिलकर यह गाना गा रहे थे और.......! कोई धक्का-मुक्की के बहाने सटा जा रहा था तो कोई मुझे......!" रागिनी मैम समझ चुकी थी इस नन्ही कली के अंदर बहुत सारी बातें हैं जिसे वह किसी को बता नहीं सकती और जब तक वह खुद को खाली नहीं करेगी तब तक उसके जीवन से यह डर जाएगा नहीं और कभी भी जमाने का सामना नहीं कर पाएगी इसका सर्वांगीण विकास रुक जाएगा  अगर घाव हुआ है तो मवाद निकालना ही पड़ेगा इसलिए उन्होंने कहा "बेटा तुम बेफिक्र होकर कहो क्या क्या हुआ तुम्हारे साथ मुझसे कोई पर्दा नहीं ओके आर यू कंफर्टेबल बोलो नेत्रा" नेत्रा की आंखों से आंसू बह रहे थे सच में वह भी किसी से कहना चाह रही थी वो सारी बातें,क्योंकि एक नासूर की तरह था यह हादसा  उसके लिए नेत्रा ने बहुत हिम्मत करके कहा"मैम.... उस भीड़ में कोई धक्का-मुक्की के बहाने मुझसे  सटा जा रहा था, तो कोई मुझे.........
चेहरा......कमर......हाथ.....पैर.......पर जैसे चीटियां रेंगती है वैसे मेरे शरीर पर हाथ बढ़ते जा रहे थे और मेरी ओर.........अनगिनत हाथ एक साथ बढ़ रहे थे, मेरा दम घुट रहा था Vasudha Uttam Shweta Dayal Srivastava Sadhana singh Adhury Hayat Internet Jockey
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©Sudha Tripathi #nanhikaliनेत्रा ने कहा "मैम पिछले साल हम लोग घूमने गए थे, सारे फैमिलीमेंबर हमारा रिजर्वेशन पहले से था लेकिन लगभग 200 किलोमीटर ट्रेन चेंज करके बिना रिजर्वेशन के जाना था, रात हो चुकी थी, अंधेरा हो चुका था, भीड़ काफी थी, दिवाली का समय था, ट्रेन आने वाली थी.....भैया ने डिसाइड किया था हम सब दोनों गेट से ट्रेन में चढ़ने वाले हैं सब की जोड़ी बना दी गई थी मैं भैया के साथ थी ट्रेन में इतनी भीड़ थी....पैर रखने का भी जगह नहीं था बड़ी मुश्किल से हम लोग ट्रेन में चढ़े क्योंकि यह आखरी ट्रेन थी इसलिए जाना इसी ट्रेन से था और स्थिति यह थी कि ट्रेन में कहीं भी लाइट नहीं था, पूरा अंधेरा भैया ने मुझे साइड वाली सीट के बीच मे एक  ट्रॉली बैग रखकर उस पर बिठा दिया चारों तरफ से भीड़ थी" इतना कहते कहते नेत्रा की आंखों में आंसू आ गए एक लंबी सांस लेकर कहा मैम......आप यकीन नहीं करेंगी उसके बाद जो भी हुआ "
                   मैम ने कहा "क्या हुआ बेटा बताओ" नेत्रा ने फिर से कहना शुरू किया "हमारे आस पास कौन है हमें दिखाई नहीं दे रहा था कुछ लोग अंताक्षरी खेल रहे थे एक गाना आज भी जिसे सुन कर मेरा दिल दहल जाता है.....छू लेने दो नाजुक होठों को कुछ और नहीं जाम है ये कुदरत ने जो हमको बख्सा है सबसे हंसी इनाम है वो. ......... आज भी यह गाना मुझे बर्दाश्त नहीं होता इस गाने को सुनते ही वह दृश्य याद आ जाता है...कई लड़के मिलकर यह गाना गा रहे थे और.......! कोई धक्का-मुक्की के बहाने सटा जा रहा था तो कोई मुझे......!" रागिनी मैम समझ चुकी थी इस नन्ही कली के अंदर बहुत सारी बातें हैं जिसे वह किसी को बता नहीं सकती और जब तक वह खुद को खाली नहीं करेगी तब तक उसके जीवन से यह डर जाएगा नहीं और कभी भी जमाने का सामना नहीं कर पाएगी इसका सर्वांगीण विकास रुक जाएगा  अगर घाव हुआ है तो मवाद निकालना ही पड़ेगा इसलिए उन्होंने कहा "बेटा तुम बेफिक्र होकर कहो क्या क्या हुआ तुम्हारे साथ मुझसे कोई पर्दा नहीं ओके आर यू कंफर्टेबल बोलो नेत्रा" नेत्रा की आंखों से आंसू बह रहे थे सच में वह भी किसी से कहना चाह रही थी वो सारी बातें,क्योंकि एक नासूर की तरह था यह हादसा  उसके लिए नेत्रा ने बहुत हिम्मत करके कहा"मैम.... उस भीड़ में कोई धक्का-मुक्की के बहाने मुझसे  सटा जा रहा था, तो कोई मुझे.........
चेहरा......कमर......हाथ.....पैर.......पर जैसे चीटियां रेंगती है वैसे मेरे शरीर पर हाथ बढ़ते जा रहे थे और मेरी ओर.........अनगिनत हाथ एक साथ बढ़ रहे थे, मेरा दम घुट रहा था Vasudha Uttam Shweta Dayal Srivastava Sadhana singh Adhury Hayat Internet Jockey