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रास रचाएँ, मोहन रसिया          मेरा मन, मन बसिया,

रास रचाएँ, मोहन रसिया 
         मेरा मन, मन बसिया, हैं मेरा सांवरिया 
पूनम की रात में, चांदनी हैं बात में  
         बनसी बजाएं सांवरिया....
गवालिन, गोपिन दूर-दूर से 
         धुन बनसी सुन, चली-चली आए 
नाचे, बजाए
         मोहन संग सब प्रेम गीत गाए,

©दिव्यांशी त्रिगुणा "राधिका"
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