✍️✍️ देखो मैंने, गणित पढ़ाना छोड़ दिया ! कलम के रूख को, इश्क के दरिया मोड़ दिया !! मेरा दिल, पत्थर होने से बच निकला ! उस खाई से, मैंने नाता तोड़ दिया !! ©writervinayazad ✍️✍️ देखो मैंने, गणित पढ़ाना छोड़ दिया ! कलम के रूख को, इश्क के दरिया मोड़ दिया !! मेरा दिल, पत्थर होने से बच निकला ! उस खाई से,