ख्वाब है गुलाब है दिक्कत कहां है सब कुछ ठीक मगर बिस्तर कहां है बारीकी से देख लिया मैंने नाचने वालों को मगर नाचना ही उनकी हकीकत कहां है .... ख्वाब है गुलाब है दिक्कत कहां है सब कुछ ठीक मगर बिस्तर कहां है बारीकी से देख लिया मैंने नाचने वालों को मगर नाचना ही उनकी हकीकत कहां है शाम जब भी आती है और डरा जाती है मगर जवानी में डरने की फितरत कहां है