Nojoto: Largest Storytelling Platform

शायरी, मै, आज भी लिख लेता हूँ उसके बगैर बस गीत

शायरी, मै,
आज भी लिख लेता हूँ 
उसके बगैर 
बस गीत
 नहीं लिखे जाते 
कितनी मोहब्बत थी 
मुझे उससे 
जिसकी याद मे 
हम गीतकार बन जाते 
चाहत नहीं कभी 
मै उससे ही दूर रहुँ 
ज़ब हम, खुद 
इस गम ऐ जुदाई को 
सह नहीं पाते 
ज़ब किस्मत मे लिखा हो 
बिछड़ना उसी से 
अगर फिर बिछड़ जाते 
तो मर जाते 
साहब जो आज सह रहे है, 
फिर जुदाई कैसे सह पाते 
कितने मजबूर हो चूका, 
मै उसी से दूर रहने को 
ज़ब हम कल 
ये जुदाई सह नहीं पाते 
हे खुदा तूँ ही बता, 
ऐसी जगह 
इतना दूर चला जाऊँ 
मै किसी से 
जहाँ वीर को दर्दे दिल 
नहीं सताते |वीर|

©VEER BHAN
  #राइटर की जिंदगी @💖🙏
veerbhan5843

VEER BHAN

New Creator

#राइटर की जिंदगी @💖🙏 #कविता

126 Views