बादलों मेरी अर्ज़ी सुन लो तुम, मेघ मय के क्यों नहीं बरसते हैं ا बारीशें होने को तो होती हैं, अहल-ए-मैकदे फ़िर क्यूँ तरसते हैं اا मय - शराब, अहल-ए-मैकदे - शराबखानों के लोग #yqdidi #yqbhaijan #yqwriters #yqquotes #yqlife #yqlove #yqtales #yqsharab