अब मरम्मत की कोई गुंजाइश नहीँ तमाशबीनों ... लौट जाओ सब अपने अपने घर को ये मेरी ज़िंदगी है .... कोई नुमाइश नहीँ। - अदिती कपीश अग्रवाल ♥️ Challenge-593 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।