क्या तुम प्रेम में हो ???? आज ये सवाल उठाया एक अपने ने तो सोच में पड़ गयी की क्या चेहरा सब बोलता है ? ये बोलता है दिल के सब भेद ? पर मैं हूं क्या इस अहसास में ? क्योंकि प्रेम बहुत पीछे छूट गया अब तो जिस मद में हूं वो है आराधना मेरी आँखों में जो प्रेम है वो प्रेम है मेरे आराध्य के लिए जो न जाने कब प्रेम से आराधना में परिवर्तित हो गया मेरी हँसी , मेरे आँसू सब उसकी आत्मीयता पर न्योछावर हैं हर कोई अपने आराध्य को किसी न किसी रूपमें पूजता है मैंने भी पूजा है, प्रेम का ये रूप कब इस सोपान तक पहुँच गया ये तब समझ आया जब खुद के चेहरे में झलक दिखी उस पूजनीय सानिध्य की जहाँ सब इच्छाये समाप्त हो गयी रह गयी तो मात्र एक लगन उसको चाहने की और बदल गया प्रेम पूजा में हाँ ,,,मैं हूं प्रेम में !!!!! (मोनिका) #Love