बाल कृष्ण मुरली मनोहर जब भी खेल रचाएं एक सबक होता उसमें फिर परमानंद मनाएं प्रत्येक जीव उनकी धरोहर उनपर लाड़ लुटाएं उनकी रक्षा की खातिर वे दुष्टों को परलोक पहुंचाएं गैयों ग्वालों संग खेले मनोहर वे मुरली मधुर बजाएं सुनकर मुरली की धुन पे पशु - पक्षी भी नाचे गाएं हे मेरे कृष्ण मुरली मनोहर संकट घना अब छाए जैसे जैसे कलियुग बढ़े काल मुंह फाड़े आए है मेरे मुरली मनोहर शरण में तुम्हारी हम आए अधर्म का नाश करो फिर से जिससे पृथ्वी स्वर्ग बन जाए ........................................ #कृष्णमुरारी # Adv. Rakesh kumar soni