#माँ#पर्वत#साग़र#नदी#बादल#सूरज#yqdidi @YQbaba
बचपन में एक बार कविता लिखी थी माँ पर, आज वही कविता जस की तस प्रस्तुत है क्योंकि Rajni Malik जी ने नॉमिनेट किया है।
पर्वतों की कोख़ में पली हूँ,
सागर से मिलने चली हूँ,
चलने से पहले रोई हूँ,
क्योंकि मैं एक माँ खोयी हूँ......