Nojoto: Largest Storytelling Platform
pratimatr9567
  • 493Stories
  • 1Followers
  • 0Love
    59Views

Vidhi

  • Popular
  • Latest
  • Video
34c51e146136a8c9655959f92b793d1d

Vidhi

 एक मां की दो बेटियां थीं. एक थी संस्कारी और दूसरी थी विद्रोही. मां ने सोचा कि विरासत में उन्हें क्या दूं? एक तरफ़ मां के हज़ार टूटे सपने थे और दूसरी तरफ़ था उसके जीवन भर के अनुभवों का निचोड़. तो बहुत सोचने-विचारने के बाद मां एक निष्कर्ष पर पहुंची. एक की झोली में उसने लक्ष्मी रखी और दूसरे को दी सरस्वती. यानी एक ने पाया उन सपनों के पूरा होने का वरदान और दूसरे ने पाया अनमोल ज्ञान. 

मां को पितृसत्ता से बैर नहीं बस अपनी क़िस्मत से रंज था. सारी उम्र पति की मुहब्बत को तरसती रहीं. इसलिए पहली को दिया पति प्रेम का आशीर्वाद और दूसरी से कहा कि तुम मोहब्बत को भूल जाओ और पहले सहनशील होना सीख जाओ. स्त्री हो तो स्त्री को दुःख पाना ही होगा, मोहब्बत पाने के लिए खुद को पददलित करना ही होगा.

कुछ इस तरह मां ने अपना कर्त्तव्य पूरा किया. पितृसत्ता की चौकीदारी के लिए अपनी एक बेटी को थानेदार नियुक्त किया और दूसरी को उसका मुजरिम घोषित किया. अब मां भी संतुष्ट है और दोनों बेटियां अपनी अपनी जिंदगियों में ठीक-ठाक व्यस्त हैं. बड़ी बेटी अपनी भूमिका के साथ बेहद खुश है और दूसरी पितृसत्ता से लड़-लड़कर बुरी तरह पस्त है. और पितृसत्ता.. वो तो मदमस्त है. #YQbaba #YQdidi #पितृसत्ता #मां #पितृसत्ता_की_पहरेदार
34c51e146136a8c9655959f92b793d1d

Vidhi

एक मां की दो बेटियां थीं. एक थी संस्कारी और दूसरी थी विद्रोही. मां ने सोचा कि विरासत में उन्हें क्या दूं? एक तरफ़ मां के हज़ार टूटे सपने थे और दूसरी तरफ़ था उसके जीवन भर के अनुभवों का निचोड़. तो बहुत सोचने-विचारने के बाद मां एक निष्कर्ष पर पहुंची. एक की झोली में उसने लक्ष्मी रखी और दूसरे को दी सरस्वती. यानी एक ने पाया उन सपनों के पूरा होने का वरदान और दूसरे ने पाया अनमोल ज्ञान. 

मां को पितृसत्ता से बैर नहीं बस अपनी क़िस्मत से रंज था. सारी उम्र पति की मुहब्बत को तरसती रहीं. इसलिए पहली को दिया पति प्रेम का आशीर्वाद और दूसरी से कहा कि तुम मोहब्बत को भूल जाओ और पहले सहनशील होना सीख जाओ. स्त्री हो तो स्त्री को दुःख पाना ही होगा, मोहब्बत पाने के लिए खुद को पददलित करना ही होगा.

कुछ इस तरह मां ने अपना कर्त्तव्य पूरा किया. पितृसत्ता की चौकीदारी के लिए अपनी एक बेटी को थानेदार नियुक्त किया और दूसरी को उसका मुजरिम घोषित किया. अब मां भी संतुष्ट है और दोनों बेटियां अपनी अपनी जिंदगियों में ठीक-ठाक व्यस्त हैं. बड़ी बेटी अपनी भूमिका के साथ बेहद खुश है और दूसरी पितृसत्ता से लड़-लड़कर बुरी तरह पस्त है. और पितृसत्ता.. वो तो मदमस्त है.  #paidstory

0 Love

34c51e146136a8c9655959f92b793d1d

Vidhi

सचमुच का वैज्ञानिक बनने के लिए कई कई साल तक 14-16 घंटे पढ़ाई करनी पड़ती है, शोध करना पड़ता है, कई बार बिना किसी मेहनताने के लैब में सालों काम करना पड़ता है. और सफलता मिलने के बाद भी उसे इतने पैसे नहीं मिलते कि वह शान की जिंदगी जी सके. वह एक साधारण जिंदगी जीता है.

वहीं परदे पर चंद मिनटों के लिए एक वैज्ञानिक होने की एक्टिंग करने के लिए एक एक्टर 70-80 करोड़ रुपए लेता है, और उसके बाद भी उसका अभिनय अच्छा नहीं होता. और वैज्ञानिक की भूमिका निभाते हुए वह देशवासियों को अंधविश्वास बेचता है. लोग खुश होकर तालियां बजाते हैं, गर्व महसूस करते हैं. वैज्ञानिकों को सैल्यूट मारते हैं. लेकिन असल में न उन्हें विज्ञान से लेना देना होता है और न वैज्ञानिकों से.

इसके अलावा सोचने की भी बात है कि दुनिया में किसी भी काम के इतने पैसे क्यों मिलने चाहिए? दुनिया का कोई काम ऐसा नहीं हो सकता जिससे किसी को 12 घंटे काम करके महीने के पांच हजार रूपए मिले और किसी को चार घंटे काम करके 50 करोड़. श्रम को लेकर हमारी आपकी इस घटिया सोच पर थोड़ा विचार कीजिए. वरना तो तमाशा देखकर तो बंदर भी खुश हो लेता है. हम शायद बंदरों से बेहतर हैं! #सोचने_वाली_बात
34c51e146136a8c9655959f92b793d1d

Vidhi

 मैंने शरद को अट्ठाईस बार देखा है
उनमें से सत्ताईस तो
बसंत तुम्हारे इंतज़ार में गुजार दिये
शायद उन्तीसवें में इस बात को समझ पाऊँ
नमी छिपाने से कुछ भी हासिल नहीं होता है
सुर्ख फूलों को कभी कब्र में खिलते देखा है?
सर्द मौसम पिघलेंगे तो मूसलधार हो जाएंगे
क्यों ना हर नमी को बर्फ बनने से पहले थाम लें
अक्टूबर की शाम को थोड़ा बरस जाएं

(पांच साल पुरानी कुछ पंक्तियां) #शरद #इंतज़ार #संघर्ष #अकेलापन #प्यार #खालीपन #YQbaba #YQdidi
34c51e146136a8c9655959f92b793d1d

Vidhi

क्या कभी ऐसा हो सकता है कि
जिसके जीवन की बहुत सी कहानियां
अधूरी रह गई हों, वो अपनी कलम
उठाए और उन कहानियों को अपनी
इच्छा मुताबिक उसके अंजाम तक पहुंचाए?
धुंध भरी आंखों में सुंदर सपने तैरते हों
और जिन हाथों को कभी किसी ने
न थामा हो, वो अपनी कलम से
सुंदर सपनों का संसार बुन दे?
अगर ऐसा हो जाए तो दुनिया
दीवाना तो नहीं कह देगी न? #aestheticthoughts #सपने


#yqbaba #love #yqaestheticthoughts #yqdidi #latenightquotes   #YourQuoteAndMine
Collaborating with Aesthetic Thoughts
34c51e146136a8c9655959f92b793d1d

Vidhi

 मैं चाहूँ भी तो प से प्रेम नहीं लिख पाती
पेट का सवाल मुँह बायें खड़ा हो जाता है
म से मोहब्बत नहीं,
सड़कों पे मारे मारे फिरते बेघरों का सवाल आता है
कुछ भी कहो मकान ही लिखा जाता है
इ से इंक़लाब ही याद करूँगी
इश्क़ और ईश्वर की अफ़ीम नहीं
क्योंकि अभी अ से आज़ादी नहीं मिली पितृसत्ता से
लिखा है उन्होंने अस्मिता को ही मेरे नाम से...
इसीलिए 
र से रोमियो नहीं रूढ़ियाँ याद आती हैं
ज से जूलियट जाति के नाम पे जकड़ दी जाती है
ध से धरती, धर्म के नाम पर बाँट दी जाती है..
ख से ख़्वाब नहीं आता
बस खून, खून, खून...
रगो से ज्यादा नालों में, सड़कों पे बहता है
धमनियों से ज्यादा दिमाग की नसों में फड़कता है....
 #Repost #वर्णमाला #कविता

ये पांच साल पुराना है. अज़ीब लगता है कि इन पांच सालों में मेरे लिखने, सोचने और महसूस करने में इतना फ़र्क कैसे आ गया है?

#repost #वर्णमाला #कविता ये पांच साल पुराना है. अज़ीब लगता है कि इन पांच सालों में मेरे लिखने, सोचने और महसूस करने में इतना फ़र्क कैसे आ गया है?

0 Love

34c51e146136a8c9655959f92b793d1d

Vidhi

मुझे लगता है कि कुछ लोग
हर रोज़ दीवाली का त्यौहार
मनाते हैं. क्योंकि वे हर रोज़
अपने भीतर एक जंग लड़
रहे होते हैं. अमावस्या के दिन
घी का दिया जलाना बड़ा
आसान है. लेकिन मन के
अंधेरे कोने में उम्मीदों का
दिया जलाना सबसे ज्यादा मुश्किल!
ख़ासकर तब.. जब ये अंधेरा ही
आपको विरासत में मिला हो.
अपनी पूरी ताकत लगाकर
खुद से और पूरी दुनिया से लड़ना
और एक धुंधलाती सी आशा
को कसकर पकड़े रहना कि
"हां एक दिन इस लंबी सुरंग
के पार रोशनी ज़रूर दिखाई देगी!" OPEN FOR COLLAB✨ #ATdiwalibg9
• A Challenge by Aesthetic Thoughts! ✨ 

Collab with your soulful words.✨ 

• Must use hashtag: #aestheticthoughts 

• Please maintain the aesthetics.

OPEN FOR COLLAB✨ #ATdiwalibg9 • A Challenge by Aesthetic Thoughts! ✨ Collab with your soulful words.✨ • Must use hashtag: #aestheticthoughts • Please maintain the aesthetics. #Diwali #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine #दीपावली #yqaestheticthoughts

0 Love

34c51e146136a8c9655959f92b793d1d

Vidhi

मोहब्बत से कम पर बात बनेगी ही नहीं. सच के सिवा मैं कुछ और सुनूंगी नहीं और न्याय के अतिरिक्त मुझे कुछ और चाहिए ही नहीं. और आप ताकत के ज़ोर से मुझे झुका सकते ही नहीं. उल्टे आप तो अपनी सलामती की दुआ मांगिए. वे दिन लद गए जब मैं चीज़ों को बर्दाश्त कर जाती थी. आज तो मेरे हाथ में लाठी होगी और सामने आपका सिर होगा. कई सालों का भरा गुस्सा अगर निकलेगा तो जान आपकी ही जाएगी. इसलिए मुझसे बात करते हुए ज़रा एहतियात रखें. आप चाहें बड़े तोप हों लेकिन मुझसे बात करें तो लिहाज़ के साथ. मैंने ज़रा भी अपमान सहना बंद कर दिया है.

0 Love

34c51e146136a8c9655959f92b793d1d

Vidhi

Having a disability and forced to mask it. Just imagine!

0 Love

34c51e146136a8c9655959f92b793d1d

Vidhi

एक ख़ास वर्ग में सारा स्त्रीवाद शब्दों, वाक्यों की निपुणता तक सिमट आया है. वे जाति, वर्ग की समस्याओं को दरकिनार कर अपने अलग ही मुद्दों में मशगूल होती हैं. स्त्रीवाद के भीतर का वर्गवाद तो आप देखिए.. जो महिलाएं खुलकर कभी लव जिहाद कानून का विरोध न कर सकीं, जो कुपोषण, घरेलू हिंसा पर कोई भी सार्थक काम न कर सकीं, जो जाति के मसले पर चुप हैं, वे जेंडर न्यूट्रॅलिटी से लेकर समान काम के लिए समान वेतन जैसे मुद्दों पर मुखर होती हैं. आपकी जेंडर आइडेंटिटी कुछ भी हो, क्या फ़र्क पड़ता है? आप शब्दों में कितने पॉलिटिकली करेक्ट हैं, इससे क्या फ़र्क पड़ता है. फ़र्क तो इस बात से पड़ता है कि आप बाज़ारवाद और ब्राह्मणवाद के समर्थक हैं. आप श्रेणीकरण की हर व्यवस्था को बनाए रखना चाहते हैं. और आपकी राजनीति को समझने के लिए मुझे इससे ज्यादा जानने और समझने की कोई ज़रुरत नहीं.

0 Love

loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile