Nojoto: Largest Storytelling Platform

खूब लगते थे सादे, जैसे खाली किताबें, ना इरादे, ना

खूब लगते थे सादे,
जैसे खाली किताबें,
ना इरादे, ना वादे,
       बचपन की वो रातें,
       तारों से वो बातें,
       चाँद से मुलाकातें,
       याद बहुत आती है
       ऐसी सारी बातें..।

बारिशों के फुहारे,
नहाने के नज़ारे,
अनजानों के इशारे,
      ठंडी हवा की बहारें,
      सिगड़ी की कतारें,
      गर्म चाय की पुकारें,
      याद बहुत आती है
      ऐसी सारी बातें.. ।

लू में धूल उड़ाते,
अपने मन की गाते,
कुछ चिड़ते चिड़ाते,
       नन्ही हंसी से लुभाते,
       जो कहते वो निभाते,
       ना कोई रिश्तें नाते,
       याद बहुत आती है
       ऐसी सारी बातें..।

कवि आनंद दाधीच। भारत

©Anand Dadhich #बचपन #यादें #kaviananddadhich #poetananddadhich #poemsofanand #hindipoems #FreshThoughts 

#Winter
खूब लगते थे सादे,
जैसे खाली किताबें,
ना इरादे, ना वादे,
       बचपन की वो रातें,
       तारों से वो बातें,
       चाँद से मुलाकातें,
       याद बहुत आती है
       ऐसी सारी बातें..।

बारिशों के फुहारे,
नहाने के नज़ारे,
अनजानों के इशारे,
      ठंडी हवा की बहारें,
      सिगड़ी की कतारें,
      गर्म चाय की पुकारें,
      याद बहुत आती है
      ऐसी सारी बातें.. ।

लू में धूल उड़ाते,
अपने मन की गाते,
कुछ चिड़ते चिड़ाते,
       नन्ही हंसी से लुभाते,
       जो कहते वो निभाते,
       ना कोई रिश्तें नाते,
       याद बहुत आती है
       ऐसी सारी बातें..।

कवि आनंद दाधीच। भारत

©Anand Dadhich #बचपन #यादें #kaviananddadhich #poetananddadhich #poemsofanand #hindipoems #FreshThoughts 

#Winter