हास हमारे हाथ हास्य हम ही हथियाते। हँसि-हँसि हरते हार हाँफते हैं हकलाते।। हारिल हंस हिलोर हृदय है हाहाकारी। हृदयाघात हयात हाय होगा हितकारी।। हतभागी हमराज़ हरे हरदम हक हिस्सा। हथिनी हंसा हेर हँसाते कह कह किस्सा।। ©Dr Virendra Pratap Singh Bhramar #Shadow