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drvirendrapratap2981
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Dr Virendra Pratap Singh Bhramar

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Dr Virendra Pratap Singh Bhramar

White अखिल भारतीय कवि सम्मेलन नाशिक
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अखिल भारतीय हिंदी साहित्य परिषद तथा बी.एस.ग्रुप नाशिक (महाराष्ट्र) के संयुक्त तत्वावधान में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन तथा पुस्तक विमोचन (कृति-सजनी- ठा.भरत सिंह) गुरु दक्षिणा एसी बक्वेट हाल कालेज रोड नाशिक में दिनांक २८ जून २०२४ को मेरी अध्यक्षता में आयोजित है। विशिष्ट अतिथि मान.श्री प्रो.शीतला प्रसाद दुबे अध्यक्ष महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी, सूत्रधार श्री आनंद सिंह वरिष्ठ उद्घोषक आकाशवाणी मुंबई,मंच संचालन श्री सुबास काबरा मुंबई के कुशल संचालन में वाणी पुत्र राजेन्द्र मालवीय इटारसी, घनश्याम अग्रवाल अकोला, डॉ भुवन मोहनी राजस्थान तथा आपके मित्र डॉ भ्रमर चित्रकूट की वाणी वंदना सम्पन्न होगी।समीपस्थ सुधी मित्र साहित्यकारों से भी मिलने का अवसर मिलेगा।

©Dr Virendra Pratap Singh Bhramar #mountain
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Dr Virendra Pratap Singh Bhramar

White कुंठाओं  ने  राजमहल में, कालिख पोती है।
तृष्णा अब केसर क्यारी में,विषधर बोती है।।
कुर्सी का  प्रतिबिंब पकड़ने,दौड़े गिरगिट हैं।
शाखाओं में उल्लू  लटके, जनता  सोती है।।

©Dr Virendra Pratap Singh Bhramar #VoteForIndia
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Dr Virendra Pratap Singh Bhramar

White चार  जून  की   देख   रहे  हैं, राह  घुटालेबाज।
ठगबंधन का डूब जायगा,बिन पतवार जहाज।।
देख  दशा  दिग्भ्रमित दिशाएँ,फूल रही है सांस।
ईडी  सीबीआई  हमसे, उगला लेगी सब राज।।

चोर - चोर  मौसेरे  भाई,  अब   करते   तकरार।
चौकीदार  सही  कहता था, हुआ चार सौ पार।।
समझ नहीं पाए दुनिया को,किया खूब बकवास,
हम  थे मात्र कुँआ के मेढक,कुर्सी हित लाचार।।

©Dr Virendra Pratap Singh Bhramar #Dosti
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Dr Virendra Pratap Singh Bhramar

White धैर्य  और  धरती शुकून को,हम पूजेंगे सुर्ख खून को।
जब  देखें  प्रमुदित प्रसून को,सब झूमेंगे चार जून को,
भारत  के  विकास  की  बातें,तोड़ें जब घमंड की घातें,
पूर्णाहुति होगी समिधा की,हम चूमेंगे निज जुनून को।।

©Dr Virendra Pratap Singh Bhramar #election2024
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Dr Virendra Pratap Singh Bhramar

White 🙏🌹सादर  अभिवादन  साथियो 🌹🙏
   शत   प्रतिशत   मतदान
    हमारा धरती को सम्मान
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भोर  हुआ  सूरज  की  किरणें, हुई तपिश गतिमान।
उठो  उठाओ संकल्पित  हो, गढ़ें आज   प्रतिमान।।
चना   चबैना   चाटुकारिता,   करती   है   प्रतिरोध।
कीर्तिमान रच करें'भ्रमर'हम,शत प्रतिशत मतदान।।


शत   प्रतिशत   मतदान   ही,  करे  देश   मजबूत।
मत  की  पेटी  से  निकलेगा, भारत  माँ  का पूत।।
चूक   गये  आलस  कर  बैठे,  होगा  अर्थ  अनर्थ।
मत   मतांतर   मतभेदों  से,'भ्रमर'  जमें  यमदूत।।

©Dr Virendra Pratap Singh Bhramar #Free
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Dr Virendra Pratap Singh Bhramar

White खीसें  निपोर, खरगों का शोर, दे रहा जोर,होगा प्रभात।
तन जार-जार,होना है हार, क्यों करो रार,ना बनी बात।।
बोला  महीप, तुलसी  समीप,जलता प्रदीप,हो गयी रात।
कर रहा जाप,बैठा प्रताप,उगलेगा ताप, निश्चित है मात।।

©Dr Virendra Pratap Singh Bhramar #safar
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Dr Virendra Pratap Singh Bhramar

White आएंगे  वीर,  मेटेंगे  पीर,  जनता  अधीर, थोड़ा हुलसी।
सब रहे  देख, है मीन मेष,मिट गयी रेख,आँखें झुलसी।।
घरवार छोड़,नथुना सकोड,सब त्याग होड़,छोड़ी भुलसी।
आँखें  तरेर, थी  रही   घेर, भागा  बटेर, ताके  तुलसी।।

©Dr Virendra Pratap Singh Bhramar #Hope
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Dr Virendra Pratap Singh Bhramar

White होकर सुर्ख़ चुनाव अब,करे कमल सतरंग।
तोते   उड़ते   हाथ  से,  वायनाड  बदरंग।।
वायनाड  बदरंग, मिटी  मन  की सब हेटी।
लगे ढूंढने ख़्वाब,पहुँच कर आज अमेठी।।
छोड़ भतीजा आस,इत्र से निज मुँह धोकर।
पहुँचे फिर कन्नौज,भ्रमर शरणागत होकर।।

©Dr Virendra Pratap Singh Bhramar #GoodMorning
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Dr Virendra Pratap Singh Bhramar

बोझल  अलकें बाँझ मन,पिय को रहे निहार।
ग्रीष्म  तपाती  देह  को,सौष्ठव  रही  निखार।।
सौष्ठव रही निखार, प्रकृति पल्लव  सा महके।
सुन  आहट  पदचाप, खोल घूँघट वह चहके।। 
कहें  'भ्रमर' कविराय, हुई आहट जब ओझल।
तन  आभूषण   वस्त्र,  हुई  प्रत्याशा  बोझल।।

©Dr Virendra Pratap Singh Bhramar #landscape
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Dr Virendra Pratap Singh Bhramar

बादल   बदली  बिजलियाँ, बूँद-बूँद  विद्वेष।
किंकर्तव्य  कचोटता, कल्प कषैला क्लेश।।

क्लेश कथा किससे कहें,किसका कहें कसूर।
चपल  चटोरी  चंचला, चित्त  चपलता   चूर।।

चूर   चबेना   चाँदनी, चटक  चुनरिया  चैत।
लुंठित लक्ष्य  लुभावना, लाठी लिए  लठैत।।

©Dr Virendra Pratap Singh Bhramar #LongRoad
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