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उसके साथ उसके सुहाने सपनों का भी क़त्ल कर दिया, उस

उसके साथ उसके सुहाने सपनों का भी क़त्ल कर दिया,
उस मासूम की हत्या कर अस्मत को रुसवां कर दिया,
इंसानियत शर्मशार हो गई,
उस दुष्ट की हैवानियत खुलेआम हो गई,
दरिंदगी कैसे शर्मशार हो गई,
आज एक मासूम की जिंदगी कुर्बान हो गई,
बच निकला वो देश का मक्कार,
अब इंसानियत पर मानो वो हैं धिक्कार,
यहाँ पर भी उसके निहायत आ गए लेकर हिमायत,
मिलकर उन चालबाजों ने कर दी खुलेआम सियासत,
भारत की लाज आज फिर से कलंकित हो गई,
फिर किसी मासूम की हँसती खेलती जिंदगी तबाह हो गई,
इंसानियत नही रही अब वतन में,
डूब गई गहरे गह्वर के पतन में,
कब जी पाएगी???,कब सुकून की सांस ले पाएगी??,
न जाने कब वो घड़ी आएगी??,
शायद यह सोच अब ये सदियाँ गुजर जाएगी,
कब एक देश की लाज बच पाएगी????
 अस्मत:-इज्जत
सहर ए शुआ:-सुबह
रुस्वा:-अपमानित


#sanjaysheoran #ritiksheoran #सहित्यिकसहायक #साहित्यिक_सहायक
उसके साथ उसके सुहाने सपनों का भी क़त्ल कर दिया,
उस मासूम की हत्या कर अस्मत को रुसवां कर दिया,
इंसानियत शर्मशार हो गई,
उस दुष्ट की हैवानियत खुलेआम हो गई,
दरिंदगी कैसे शर्मशार हो गई,
आज एक मासूम की जिंदगी कुर्बान हो गई,
बच निकला वो देश का मक्कार,
अब इंसानियत पर मानो वो हैं धिक्कार,
यहाँ पर भी उसके निहायत आ गए लेकर हिमायत,
मिलकर उन चालबाजों ने कर दी खुलेआम सियासत,
भारत की लाज आज फिर से कलंकित हो गई,
फिर किसी मासूम की हँसती खेलती जिंदगी तबाह हो गई,
इंसानियत नही रही अब वतन में,
डूब गई गहरे गह्वर के पतन में,
कब जी पाएगी???,कब सुकून की सांस ले पाएगी??,
न जाने कब वो घड़ी आएगी??,
शायद यह सोच अब ये सदियाँ गुजर जाएगी,
कब एक देश की लाज बच पाएगी????
 अस्मत:-इज्जत
सहर ए शुआ:-सुबह
रुस्वा:-अपमानित


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