नफ़रत के किस्से का नाम बढ़ रहा मुहब्बत के हिस्से का काम बढ़ रहा आए दिन माहौल नई सीढ़ियां चढ रहा आबोहवा में दूसरे पर इल्ज़ाम बढ़ रहा मेरा क्या मेरी गुज़र जाएगी किसी तरह सोचिए जाने कितनों का सामान बढ़ रहा समाज तो मीठा ही भाता है मेरे भाइयों कड़वाहट का फिर क्यों सम्मान बढ़ रहा वक़्त बहुत अच्छा नहीं इस दौर में दुनिया हमें तो लगता है ख़तरे का निशान बढ़ रहा Challenges before Love #hatred #tolerance #peace #love #trust #passion4pearl #yqbaba #shahbazwrites