मैं इतना भी बुरा नहीं था जितना दिखा दिया गया गाँव में इंसान था आया शहर हैवान बना दिया गया चला था ईमानदारी की पोटली लेकर कुछ सीखने को काम के बहाने ही सही, चोरी करना सिखा दिया गया जब जब मैं गिरा यहां मैंने मदद को हाथ बढ़ाया हाथ झटककर मेरा मुझको आईना दिखा दिया गया वो जो गाँव के शहर में बस चुके थे जब वहां गया पैसे नहीं थे अमूमन वहाँ से भी भगा दिया गया फ़िर जब रोटी की आश में रिश्तेदारों के घर गया रिश्तेदार हो रिश्तेदार ही रहो जता दिया गया कुछ लोगों से मदद मांगने की कोशिश भी की रोटी तो दी नहीं , मुफ़्त ज्ञान सिखा दिया गया जब थक हारकर मैं ज़मीन पर लेट गया रोटी कल खा लेंगे का सपना लेकर, आख़िर में सुला दिया गया मैं इतना भी बुरा नहीं था जितना दिखा दिया गया।.. ✨ #main#itna#bhi#bura#nhi#tha #poem#love#poverty#shayari