#एक बारिश... एक बारिश मन के अंदर होती ज्यों भीगा देती हैं मन को और कभी अपने अस्तित्व का बहुत कुछ स्वरूप बहा ले जाती है... कभी छोड़ जाती है बहुत कुछ... ऐसी बूंदे ज्यों दिखती नहीं,बहतीं भी नहीं बस थमी रहती हैं.. कभी पलकों पर तो कभी आँखों में डूबी डूबी सी कभी पलकों पर..तैरती रहती है.. एक बारिश.. @शब्दभेदी किशोर ©शब्दवेडा किशोर #मैं_अनबूझ_पहेली