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धरती शांत, अम्बर शांत शांत है ये सारा जहाँ आदमी क्

धरती शांत, अम्बर शांत
शांत है ये सारा जहाँ
आदमी क्यों हैं कैद में? जानवर हैं आजाद!
इंसानों ने जो बोया है, काट रहे हैं आज
जान गंवाई हजारों ने, बीमार पड़े हैं आज।
प्रकृति से तुम करते आए खिलवाड़
फिर क्यों हो रहे हो हैरान।
तुमने की जो भूल है उसी का ये शूल है
वक्त है सम्भल जाओ प्यारे
व्यर्थ न करो ये जीवन
इतिहास गवाह है, सभ्यताएं तो धरती पर पहले भी थीं
कोरोना की जंग जीत कर समझो जीवन है अनमोल। #कोरोनकोहरानाहै
धरती शांत, अम्बर शांत
शांत है ये सारा जहाँ
आदमी क्यों हैं कैद में? जानवर हैं आजाद!
इंसानों ने जो बोया है, काट रहे हैं आज
जान गंवाई हजारों ने, बीमार पड़े हैं आज।
प्रकृति से तुम करते आए खिलवाड़
फिर क्यों हो रहे हो हैरान।
तुमने की जो भूल है उसी का ये शूल है
वक्त है सम्भल जाओ प्यारे
व्यर्थ न करो ये जीवन
इतिहास गवाह है, सभ्यताएं तो धरती पर पहले भी थीं
कोरोना की जंग जीत कर समझो जीवन है अनमोल। #कोरोनकोहरानाहै